हम वो हैं, जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार ही रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।। >>> स्वामी विवेकानन्द
पंचतंत्र
“सचमुच तुम मर्यादा पुरुषोत्तम हो, राम”
जो लोग ज्ञान देने वाले गुरु को ऊंचा स्थान नहीं देते, वे कभी भी सफल नहीं हो सकते ।
प्रभु में विश्वास
जानिए रामायण का एक अनजान सत्य
शास्त्रों ने सेवा के तीन प्रकार बताये हैं
जो रात बीती है उसे क्या कहते हैं इस्लाम में
क्या हनुमान आदि वानर बन्दर थे
Copyright (c) 2021 Raj Gyan- Shaikshik Samachar Rajasthan @ All Right Reserved
Design by ThemesDNA.com
Comments