हम वो हैं, जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार ही रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।। >>> स्वामी विवेकानन्द
नील पत्र कक्षा -8 , 2019-20
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