हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं. 

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

समान पद पर नियुक्त होने पर वेतन निर्धारण

तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान पद पर नियुक्त होने पर वेतन निर्धारण लेखाविज्ञ अक्टूबर 2018

1. शिक्षक भर्ती 2012 के अंतर्गत नियुक्त जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति शिक्षक भर्ती 2013 के अंतर्गत हुई है उन्हें पूर्व नियोक्ता द्वारा कार्यमुक्त किया जाएगा एवं नए नियोक्ता द्वारा कार्यग्रहण की अनुमति देय होगी !

2. चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को वरिष्ठता भर्ती परीक्षा 2013 में उनके द्वारा प्राप्त मेरीट क्रमांक के अनुसार सगणित की जाएगी एवं अभ्यर्थी की पूर्व सेवाएं वरिष्ठता के लिहाज से संगणित नहीं की जाएगी

3. शिक्षक भर्ती 2012 में नियुक्ति उपरांत शिक्षक भर्ती 2013 में चयनित होने वाले याचिकार्थी जिन्हें माननीय न्यायालय के अंतरिम आदेश के अधीन कार्यमुक्त किया गया है ! उनके संबंध में पूर्व नियोक्ता द्वारा अंतिम वेतन प्रमाणपत्र (एलपीसी) जारी किया जाएगा

4.ऐसे कार्मिकों के प्रोबेशनर ट्रेनी अवधि के लिए नियत पारीश्रमिक अथवा पूर्व पद के अपने स्वयं के वेतनमान में वेतन जो भी लाभप्रद हो ! प्राप्त करने का विकल्प है प्रोबेशनर ट्रेनी अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 26 के तहत वेतन निर्धारित किया जाना प्रावधान है*

यह निर्देश वित्त विभाग की आईडी संख्या 101803088 दिनांक 25.6.2018 द्वारा प्रदत्त सहमति के अनुसरण में जारी किए जाते हैं

🎀शैक्षिक समाचार राजस्थान🎀

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एक बार की बात है कि एक बाज का अंडा मुर्गी के अण्डों के बीच आ गया. कुछ दिनों  बाद उन अण्डों में से चूजे निकले, बाज का बच्चा भी उनमे से एक था.वो उन्ही के बीच बड़ा होने लगा. वो वही करता जो बाकी चूजे करते, मिटटी में इधर-उधर खेलता, दाना चुगता और दिन भर उन्हीकी तरह चूँ-चूँ करता. बाकी चूजों की तरह वो भी बस थोडा सा ही ऊपर उड़ पाता , और पंख फड़-फडाते हुए नीचे आ जाता . फिर एक दिन उसने एक बाज को खुले आकाश में उड़ते हुए देखा, बाज बड़े शान से बेधड़क उड़ रहा था. तब उसने बाकी चूजों से पूछा, कि-” इतनी उचाई पर उड़ने वाला वो शानदार पक्षी कौन है?”
तब चूजों ने कहा-” अरे वो बाज है, पक्षियों का राजा, वो बहुत ही ताकतवर और विशाल है , लेकिन तुम उसकी तरह नहीं उड़ सकते क्योंकि तुम तो एक चूजे हो!”
बाज के बच्चे ने इसे सच मान लिया और कभी वैसा बनने की कोशिश नहीं की. वो ज़िन्दगी भर चूजों की तरह रहा, और एक दिन बिना अपनी असली ताकत पहचाने ही मर गया.
आप चूजों  की तरह मत बनिए , अपने आप पर ,अपनी काबिलियत पर भरोसा कीजिए. आप चाहे जहाँ हों, जिस परिवेश में हों, अपनी क्षमताओं को पहचानिए और आकाश की ऊँचाइयों पर उड़ कर  दिखाइए  क्योंकि यही आपकी वास्तविकता है.