लोगों ने हर मुश्किल से बचने का हर तरीका है देख लिया।
चन्द ने तैरना सीख लिया तो बाकी ने किनारा देख लिया।।
हम कतराए नहीं चन्द लोगो के साथ तैरने से कभी भी।
मगर पाने को छौर किसी ने किसी का सहारा देख लिया।।
हमारी तैराकी से खुश न थे कोई वो जो थे सहारे अपने।
चलो वक़्त के रहते अपनो के छलावों को देख लिया।।
मेरी जिद थी के मैं रुकूँगा नहीं कभी मंजिल से पहले ।
गिरा तो जमीन और उठा तो बुलन्द आसमाँ देख लिया।।
हरि ॐ
हनुमान प्रसाद जांगिड़
17 जुलाई 2020