हम कुछ न समझेंगे

हम कुछ न समझेंगे आखिर ये दुनियाँ समझाती किसे हैं। और तुम कहते हो सो जाएँ बताओ नींद भी आती किसे है। चाँद भी आ पहुँचा आसमाँ में अब तो सितारों के दरमियाँ देखते है ये दूरियाँ भी हम में सें पहले पास बुलाती किसे है। दस्तूर तो जरूर ही रहेगा तेरी मनाही का हम … Read more