धारा 80GG आयकर अधिनियम

धारा 80GG आयकर अधिनियम (Income Tax Section 80GG) – भुगतान किए गए किराए के संबंध में कटौती
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अगर आपको HRA (हाउस रेंट अलाउंस) नहीं मिलता है लेकिन आप किराय के मकान में रहते हैं, तब भी आयकर अधिनियम, 1961 के धारा 80GG के अंतर्गत आपको दिए हुए किराय पर टैक्स छूट मिल सकती है । धारा 80GG के अंतर्गत सालाना 60,000 रु. ( 5,000 रु. प्रति महिना) की अधिकतम छूट की अनुमति है । आपको इस धारा का लाभ नहीं मिल सकता है अगर आपके (या आपकी पत्नी /बच्चे) के पास खुद का घर है । इस धारा के फायदे का दावा करने के लिए, आपको 10BA फॉर्म भरना होगा।

कौन धारा 80GG के अंतर्गत छूट का दावा कर सकता है?

कोई भी नौकरीपेशा/स्वयं रोज़गार (अपना बिज़नस करने वाला) व्यक्ति जिसे हाउस रेंट अलाउंस (HRA) नहीं मिलता है और वित्तीय वर्ष (Financial year) के दौरान कभी भी HRA नहीं मिला है।

धारा 80GG के अंतर्गत छूट कितनी मिलेगी ?

धारा 80GG के अंतर्गत निम्नलिखित में से जो भी सबसे कम छूट होगी वो आपको दी जाएगी:

👉किराय से मूल वेतन का 10% घटाने के बाद

👉60,000 रू. प्रति वर्ष (5,000 रु. प्रति महिना)

👉कुल आय का 25% (मूल रूप से अपना बिज़नस करने वालों के लिए)

धारा 80GG के अंतर्गत टैक्स छूट गणना इस प्रकार करेंगे।

उदाहरण 1
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रमेश साल का 5 लाख कमाता है (सारी कटौती के बाद) और किराए के घर में रहता है जिसके लिए उसे कोई भी हाउस रेंट अलाउंस नहीं मिल रहा है। रमेश साल का 1.5 लाख रूपए किराया देता है। ऐसे मामले में निम्न में से कम टैक्स छूट दी जाएगी:

स्तिथि 1: हर महीने 5,000 रू. की मासिक किराये की सीमा जो है 60,000 रु. प्रति साल।

स्तिथि 2: दिया हुआ किराया 1.5 लाख माइनस 50,000 (वार्षिक आय का 10%) = 1 लाख रु.।

स्थिति 3: पूरी वार्षिक आय का 25% = 1.25 लाख रु.।

ऊपर दिए गए उदाहरण में, क्योंकि पहली स्तिथि में सबसे कम पैसे हैं इसलिए रमेश को स्तिथि 1 के हिसाब से लाभ मिलेगा. याद रखें कि आपको HRA टैक्स छूट वार्षिक 60,000 रु. से ज़्यादा की नहीं मिल सकती. अगर अन्य किसी स्तिथि में टैक्स छूट 60,000 रु. से कम बनती है तो आपको उतनी टैक्स छूट मिलेगी।

उदाहरण 2:
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रमेश साल का 3 लाख कमाता है (सारी कटौती के बाद) और वो किराए के घर में रह रहा है जिसके लिए उसे कोई भी हाउस रेंट अलाउंस नहीं मिल रहा है। रमेश एक महीने का 6,000 रू. किराया देता है और साल का किराया हो जाता है 72,000 रू.। ऐसे मामले में निम्न से सबसे कम वाली स्तिथि की टैक्स छूट मिलेगी:

स्तिथि 1: हर महीने 5,000 रु. की मासिक किराये की सीमा जो है 60,000 रु. प्रति वर्ष।

स्तिथि 2: दिया हुआ किराया जो है 72,000 रु. में से 30,000 घटाओ (वार्षिक आय का 10%) = 42,000 रु.।

स्तिथि 3: पुरे वार्षिक आय का 25%= 75,000 रु.।

ऊपर दिए गए उदाहरण में, क्यूंकि दूसरी स्तिथि 2 में सबसे कम पैसे हैं इसलिए रमेश को स्तिथि 2 के हिसाब से टैक्स छूट मिलेगी. याद रखें कि आपको HRA टैक्स छूट वार्षिक 60,000 रु. से ज़्यादा की नहीं मिल सकती. अगर अन्य किसी स्तिथि में टैक्स छूट 60,000 रु. से कम बनती है तो आपको उतनी टैक्स छूट मिलेगी.

टैक्स देने वाला व्यक्ति धारा 80GG के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए फॉर्म 10BA भरता है। फॉर्म बहुत आसानी से सारे टैक्स कार्यालयों में, कर्मचारी के HR विभाग में मिलता है या आप कई वेबसाइटों से भी इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

आपको फॉर्म भरने के समय निम्न जानकारियां सहीं और अपडेट होनी चाहिये।

👉नाम तथा पैन न०

👉पूरा पता पिन कोड सहित

👉कब से उस पते पर रह रहे हैं

👉किराय भुगतान का तरीका

👉किराय भुगतान की राशि

👉मकान मालिक का नाम और पता

👉अगर कर निर्धारण वर्ष के लिए साल का किराया 1 लाख से ज्यादा है, तो मकानमालिक का पैन नंबर देना ज़रूरी है।

👉इस बात की घोषणा कि आप या आपकी पत्नी/बच्चे के नाम कोई घर नहीं है या HUF से जिसके वो सदस्य हैं।

Prepared By
Raj gyan  group

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