श्लोक भावार्थ सहित

1-छिन्दन्ति शस्त्राणि यथा न वारि स्वेदं सुघर्मो न करोति शुष्कं। तथा न कान्तिं हरते प्रवात: शक्नोति सत्यं न मृषा च नष्टुम्।। जिस प्रकार शस्त्र सब कुछ काट सकते हैं, किन्तु पानी को नहीं।अच्छी धूप सब कुछ सुखा देती है, किन्तु पसीने को नहीं।हवा सब कुछ हर लेती है, किन्तु चमक को नहीं। उसी प्रकार झूठ … Read more