उत्तम विचार

1-    “आत्मा” में बसे लोगों के पास ही,आपकी  आत्मा को “छलनी” कर देने का सामर्थ्य होता है ।

2- जिस सूरज का सर्दी की ऋतु में बेसब्री से इंतजार होता हैं , उसी सूरज का गर्मी में तिरस्कार भी होता हैं ! आपका महत्त्व तभी है, जब आप किसी के लिए उपयोगी होते हो !
🙏🏻🌻जय राधे गोविन्द🌻🙏🏻

3-जिंदगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए,लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है।⛳

4-कंटीली झाड़ियो पर ठहरी हुई ओस की बूंदों ने मुझे यह सिखाया हैं ! पत्तो ने साथ छोड़ा तो क्या प्रकृति ने मुझे मोतियों से नवाजा हैं ! ❣राधे कृष्ण राधे गोविन्द❣

5-आइना और दिल वैसे तो दोनो ही बडे नाज़ुक होते है लेकिन,आइने मे तो सभी दिखते है और दिल मे सिर्फ अपने दिखते है।

6-दूसरे की अच्छाई में यकीन होना, खुद में अच्छाई होने का एक अच्छा प्रमाण है..

7-दूसरों के प्रति बुरी भावना” रखने से हम किसी का “बुरा” तो नहीं कर सकते हैं,परन्तु हमारा अंतःकरण”अवश्य मैला” हो जाता है !!

8-🌱जय हरि विष्णु🌱
शांत मन हमारी आत्मा की ताकत है, शांत मन में ही ईश्वर का निवास होता है। जब पानी उबलता है तो हम उसमें अपना प्रतिबिम्ब नहीं देख सकते और शांत पानी में हम स्वयं को देख सकते हैं। ठीक वैसे ही ह्रदय जब शांत रहेगा तो हमारी आत्मा के वास्तविक स्वरूप को हम देख सकते हैं।
🎄जय राधे कृष्ण🎄

9-झूठ कहते हैं कि संगत का असर होता है…आज तक ना काँटों को महकने का सलीका आया, और ना फूलों को चुभना आया….!!!

10-समस्या ये नहीं कि सच बोलने वाले कम हो रहे हैं,सिर्फ अपनी मर्ज़ी का सच सुनने वालों की तादाद बढ़ रही है।

11-💐जीवन में जब उम्मीद की कोई भी किरण शेष न रहे उस स्थिति में भी कोशिश, प्रार्थना और धैर्य इन तीन चीजों का परित्याग नहीं करना चाहिए।

💐कोशिश – ये तो आप सभी ने सुना ही होगा कि
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।

💐जब आपको लगे कि उम्मीद के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं उस स्थिति में भी आपकी कोशिशें जारी रहनी चाहिए। जिस प्रकार से कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है, उस प्रकार से अंतिम क्षणों में भी पूरी लगन के साथ किया गया आपका प्रयास बाजी पलट सकता है।

💐जीवन भी एक क्रिकेट मैच की तरह ही है। जिसमें कभी – कभी मैच की आखिरी गेंद पर भी हारा हुआ मैच जीत लिया जाता है।

💐प्रार्थना – जीवन में सदा परिणाम उस प्रकार नहीं आते जैसा कि हम सोचते और चाहते हैं। किसी भी कर्म का परिणाम मनुष्य के हाथों में नहीं है मगर प्रार्थना उसके स्वयं के हाथों में होती है। प्रार्थना व्यक्ति के आत्मबल को मजबूत करती है और प्रार्थना के बल पर ही व्यक्ति उन क्षणों में भी कर्म पथ पर डटा रहता है जब उसे ये लगने लगता है कि अब हार सुनिश्चित है। प्रार्थना में एक अदृश्य शक्ति समाहित होती है। आप प्रार्थना करना सीखिए! प्रार्थना आपको आशावान बनाकर तब भी पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना सीखाएगी जब आप घोर निराशा से घिरे हुए हों।

💐धैर्य – कितनी भी विकट परिस्थितियां आ जाएं पर मनुष्य को धैर्य का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। आप दुखों की घनघोर कालरात्रि से घिरे हों तो धैर्य रखिए! सूर्य की स्वर्णिम किरणों को साथ लेकर एक नया सवेरा जरूर होगा। अगर पतझड़ रुपी प्रतिकूलताएं ही आपको चारों ओर से घेर रखी हों तो धैर्य रखिए! भंवरों की गुंजार और चिड़ियों की चहचहाहट को लेकर एक नया वसंत जरूर आने वाला है।

💐कोशिश करो! प्रार्थना करो और धैर्य रखो! जीवन के परिणाम ही बदल जायेंगे।

 

Leave a Comment